
जमशेदपुर।विद्यादीप फाउंडेशन के तत्वावधान में जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का भव्य आयोजन आगामी 20 और 21 दिसंबर को बिस्टुपुर में किया जाएगा। इस दो दिवसीय महोत्सव में साहित्य, कला, संस्कृति और समकालीन विचारों का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।इस संबंध में आयोजित प्रेस वार्ता में फेस्टिवल के संयोजक संदीप मुरारका ने बताया कि यह आयोजन केवल साहित्य तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि समाज, संस्कृति और समय के महत्वपूर्ण विषयों पर संवाद का सशक्त मंच बनेगा। उन्होंने कहा कि फेस्टिवल में देश-विदेश के प्रतिष्ठित लेखक, पत्रकार, कलाकार, प्रशासक और पद्मश्री सम्मानित हस्तियाँ भाग लेंगी।
साहित्य, कला और विचारों का व्यापक मंच
जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल मे साहित्यिक परिचर्चाएं,विषयगत सत्र,कार्यशालाएं, बुक फेयर,सम्मान समारोह,सांस्कृतिक प्रस्तुतियांआयोजित की जाएंगी। आयोजन का उद्देश्य पाठकों, लेखकों और विचारकों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करना है।
फिल्म, कला और संगीत जगत की प्रमुख हस्तियां होंगी शामिल
फेस्टिवल में फिल्म जगत से अभिनेता पंकज झा, राजेश जैस और प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक अभिषेक चौबे अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।कला जगत से जाने-माने कलाकार मनीष पुष्कल और पद्मश्री भज्जू श्याम सहित कई चर्चित कलाकार शामिल होंगे, जो कला, लोकसंस्कृति और जनजातीय विरासत पर अपने विचार साझा करेंगे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे आकर्षण का केंद्र
20 दिसंबर को चर्चित गायक राहगीर अपनी प्रस्तुति देंगे।21 दिसंबर को पद्मश्री गुलाबो सपेरा द्वारा राजस्थानी लोकनृत्य की भव्य प्रस्तुति होगी।इसके अलावा विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी कार्यक्रम का हिस्सा रहेंगी।
हरिवंश का विशेष व्याख्यान
फेस्टिवल के पहले दिन यानी 20 दिसंबर को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का विशेष व्याख्यान आयोजित किया जाएगा, जिसमें वे लोकतंत्र, पत्रकारिता और समकालीन विचारों पर अपने विचार रखेंगे।
महत्वपूर्ण विषयों पर संवाद
फेस्टिवल के दौरान पत्रकारिता,पर्यावरण,जनजातीय अधिकार,डिजिटल साहित्य,शिक्षा जैसे विषयों पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। साथ ही स्थानीय साहित्यकारों को सम्मानित किया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय लेखन और रचनात्मकता को प्रोत्साहन मिलेगा।
बुक फेयर और कार्यशालाएं भी होंगी आयोजित
दोनों दिन साहित्य प्रेमियों के लिए बुक फेयर लगाया जाएगा, जिसमें विभिन्न प्रकाशनों की पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी। इसके साथ ही लेखन, कला और मीडिया से जुड़ी विभिन्न कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी।
सांस्कृतिक आंदोलन’ के रूप में विकसित हो रहा है फेस्टिवल
आयोजकों के अनुसार जमशेदपुर लिटरेचर फेस्टिवल केवल एक साहित्यिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन है, जिसका उद्देश्य जमशेदपुर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विचार, कला और साहित्य के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
