
सोनुवा (पश्चिमी सिंहभूम):कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने और कुड़माली भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान देने की मांग को लेकर कुड़मी समाज एक बार फिर आंदोलन की राह पर है। समाज ने घोषणा की है कि 20 सितंबर को चक्रधरपुर रेल मंडल के सोनुवा में रेल टेका आंदोलन आयोजित किया जाएगा। इस आंदोलन में कोल्हान के तीनों जिलों – पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां से हजारों लोग शामिल होंगे।
20 हजार लोगों के जुटान का लक्ष्य
कुड़मी समाज के युवा नेता अमित महतो के नेतृत्व में तीनों जिलों के गांव-गांव में बैठकें आयोजित की जा रही हैं। आंदोलन की रणनीति तैयार की जा रही है और लोगों को आंदोलन में शामिल होने के लिए जागरूक किया जा रहा है। अमित महतो ने कहा कि केवल सोनुवा में ही करीब 20 हजार लोगों के जुटान का लक्ष्य रखा गया है।जो लोग किसी कारणवश सोनुवा नहीं पहुंच पाएंगे, वे अपने-अपने क्षेत्र के नजदीकी रेलवे स्टेशनों पर रेल टेका आंदोलन करेंगे।
विरोध करने वालों पर जताई आपत्ति
अमित महतो ने कहा कि कुड़मी समाज की इस मांग का कुछ लोग विरोध कर रहे हैं, लेकिन उनके मुताबिक यह विरोध कुछ बाहरी तत्वों द्वारा लोगों को गुमराह करने की वजह से हो रहा है। उन्होंने कहा कि कुड़मी समाज शांतिपूर्ण तरीके से अपना हक मांग रहा है और आंदोलन लोकतांत्रिक तरीके से किया जाएगा।
प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती
रेल टेका आंदोलन के मद्देनजर प्रशासन की चुनौती बढ़ गई है। हजारों की संख्या में लोगों के जुटने से रेल यातायात प्रभावित होने की संभावना है। प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जा सकती है।
लंबे समय से लंबित है मांग
कुड़मी समाज की मांग है कि उन्हें फिर से अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया जाए। समाज का कहना है कि ऐतिहासिक रूप से वे आदिवासी हैं, लेकिन तकनीकी कारणों से उनका नाम एसटी सूची से बाहर कर दिया गया था। इसके साथ ही कुड़माली भाषा को भी संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है।अमित महतो ने कहा कि अगर सरकार जल्द उनकी मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाती है, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।