अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमका NIT जमशेदपुर का सितारा: IIT बॉम्बे ‘रोबो-वॉर’ में हासिल किया 5वां स्थान; रूस और नेपाल की टीमों को दी शिकस्त

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जमशेदपुर: लौहनगरी के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्रों ने एक बार फिर अपनी तकनीकी मेधा का लोहा मनवाया है। आईआईटी बॉम्बे में आयोजित प्रतिष्ठित इंटरनेशनल रोबो-वॉर प्रतियोगिता में एनआईटी जमशेदपुर की रोबोटिक्स टीम ‘रोबोऑट’ ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पांचवा स्थान प्राप्त किया है।

रूस और श्रीलंका जैसी अंतरराष्ट्रीय टीमों को चटाई धूल

इस प्रतियोगिता की चमक इसलिए और बढ़ जाती है क्योंकि इसमें भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका और रूस जैसे देशों की दिग्गज टीमों ने हिस्सा लिया था। एनआईटी जमशेदपुर की टीम ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ कड़े और रोमांचक मुकाबले लड़े। टीम ने कई राउंड में जीत दर्ज करते हुए सेमीफाइनल तक का सफर तय किया और अंततः विश्व स्तर पर टॉप-5 में जगह बनाई।

अत्याधुनिक ‘वॉर रोबोट’ रहा आकर्षण का केंद्र

टीम रोबोऑट ने इस प्रतियोगिता के लिए एक अत्याधुनिक युद्ध रोबोट विकसित किया था। इस रोबोट की मजबूती, सटीक नियंत्रण और रणनीतिक दक्षता की वहां मौजूद विशेषज्ञों ने व्यापक सराहना की। इसे वास्तविक औद्योगिक मानकों के अनुरूप तैयार किया गया था, ताकि यह भीषण टक्करों को झेल सके।

उद्योग और शिक्षा के तालमेल से मिली सफलता

टीम की इस ऐतिहासिक सफलता के पीछे अकादमिक ज्ञान के साथ-साथ औद्योगिक सहयोग का भी बड़ा हाथ रहा। जमशेदपुर की हिमालय एंटरप्राइज़ और रोसा टेक ने टीम को तकनीकी विशेषज्ञता, औद्योगिक संसाधन और आर्थिक सहयोग प्रदान किया। इसी सहयोग की बदौलत छात्र रोबोट के डिजाइन, फैब्रिकेशन और टेस्टिंग को वैश्विक मानकों पर ले जाने में सफल रहे।

निदेशक प्रो. गौतम सुत्रधार ने दी बधाई

संस्थान के निदेशक प्रो. गौतम सुत्रधार ने टीम की उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा टीम रोबोऑट की यह सफलता एनआईटी जमशेदपुर में नवाचार और व्यावहारिक इंजीनियरिंग शिक्षा की मजबूत संस्कृति का प्रमाण है। छात्रों ने तकनीकी कौशल और टीमवर्क का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया है। हमें विश्वास है कि यह टीम भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और भी बड़े कीर्तिमान स्थापित करेगी।”

सफलता के पीछे के चेहरे

इस उपलब्धि को हासिल करने वाली टीम में प्रशांत शर्मा, सौविक नाथ, देबजीत गोराई, मोहम्मद तौकीर ज़िया, मृदुल अक्षत एवं शुभम शामिल थे। इन छात्रों ने डिजाइन, मैकेनिकल फैब्रिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंट्रोल सिस्टम जैसे जटिल क्षेत्रों में समन्वय बनाकर इस सपने को सच कर दिखाया।

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