
जमशेदपुर।साकची रामलीला मैदान में श्री रामलीला उत्सव समिति द्वारा आयोजित दस दिवसीय रामलीला महोत्सव का आज भव्य समापन हो गया। इस ऐतिहासिक धार्मिक उत्सव के अंतिम दिन रामायण के तीन महत्वपूर्ण प्रसंगों –लंका दहन, रावण वध और भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक – का जीवंत मंचन किया गया। पूरे मैदान में भक्ति और उल्लास का वातावरण छाया रहा, जिसका साक्षी बनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु और दर्शक उमड़े।
रावण दहन और राज्याभिषेक का भव्य मंचन
महोत्सव के अंतिम दिन रामलीला का मंचन अत्यंत आकर्षक रहा। मंचन की शुरुआत लंका दहन से हुई, जिसके बाद रावण और श्रीराम के बीच हुए निर्णायक युद्ध का दृश्य दिखाया गया। रावण वध के बाद, रावण दहन के दृश्य को देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान हुई शानदार आतिशबाज़ी और पटाखों ने कार्यक्रम की भव्यता को और बढ़ा दिया।रावण दहन के तुरंत बाद, भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। मैदान को रंग-बिरंगी लाइटिंग और विशेष सजावट से आकर्षक रूप दिया गया था, और जय श्रीराम के नारों से पूरा पंडाल गूंज उठा।
समाजसेवी विकास ने दिया संस्कृति संरक्षण का संदेश
समारोह के समापन मौके पर समाजसेवी विकास मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में रामलीला के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि रामलीला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और आदर्श जीवन मूल्यों का एक सजीव प्रदर्शन है।विकास ने कहा,भगवान श्रीराम ने हमें मर्यादा, सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश दिया था, जिसे आज के समाज को आत्मसात करने की सख्त जरूरत है।” उन्होंने समिति की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं और नई पीढ़ी को अपने इतिहास व संस्कृति से जोड़ने का माध्यम बनते हैं।श्री रामलीला उत्सव समिति ने दस दिनों तक चले इस सफल आयोजन के लिए सभी कलाकारों, स्वयंसेवकों और शहरवासियों का आभार व्यक्त किया।