
जमशेदपुर: बुधवार को परडीह चेक पोस्ट पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा मजदूरों से भरे एक पिकअप वैन को रोकना और चालक से कथित मारपीट करना पुलिस को भारी पड़ गया। इस कार्रवाई से आक्रोशित मजदूर सड़क पर उतर आए और धरने पर बैठकर प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे सड़क पर जाम लग गया।
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि चांडिल क्षेत्र से जमशेदपुर के बावनगोड़ा काम के लिए निकले मजदूरों से भरे एक पिकअप वाहन को परडीह चेक पोस्ट पर ट्रैफिक पुलिस ने रोक लिया। पुलिस ने वाहन के कागजात दिखाने की मांग की। जब कागजात नहीं दिखाए जा सके, तो मजदूरों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने चालक के साथ मारपीट भी की।इस घटना के बाद वाहन में सवार सभी मजदूर भड़क उठे और उन्होंने पिकअप वाहन से उतरकर तुरंत सड़क पर ही धरना शुरू कर दिया।
मजदूरों ने लगाए गंभीर आरोप
प्रदर्शनकारी मजदूरों का आरोप है कि ट्रैफिक पुलिस कागजात और ओवरलोडिंग के नाम पर उन्हें आए दिन परेशान करती है। उन्होंने बताया कि जब भी वे रोजगार के लिए शहर की ओर आते हैं, तो ओवरलोड का हवाला देकर ट्रैफिक पुलिस वाहन चालक को पकड़ लेती है और भारी जुर्माना वसूलती है। इस खींचतान के कारण हर दिन उनका काम छूट जाता है और उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।मजदूरों ने साफ कर दिया कि जब तक उन्हें आज के दिन की हाजिरी (दैनिक मजदूरी)नहीं दी जाएगी, तब तक वे सड़क से जाम नहीं हटाएंगे।
कैमरे से बचती रही पुलिस
उधर, जब इस मामले में ट्रैफिक पुलिस का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क किया गया, तो पुलिसकर्मी कैमरे के सामने आने और अपनी बात रखने से बचते रहे। पुलिस का यह रवैया उनकी कार्रवाई पर संदेह पैदा करता है।समाचार लिखे जाने तक, मजदूरों का यह प्रदर्शन सड़क पर जारी था, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा। यह घटना ट्रैफिक नियमों के अनुपालन और गरीब मजदूरों के रोजगार के बीच संतुलन बनाने की चुनौती को उजागर करती है।