
जमशेदपुर: ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (AISF) झारखंड राज्य परिषद के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रसिद्ध पर्यावरणविद्, शिक्षाविद्, और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को प्रशासन द्वारा कथित रूप से हिरासत में लिए जाने के विरोध में आवाज़ उठाई है। प्रतिनिधिमंडल ने जमशेदपुर में उपायुक्त (DC) के माध्यम से राष्ट्रपति (महामहिम) को एक मांग पत्र सौंपा, जिसमें वांगचुक की अविलंब रिहाई और लद्दाख से संबंधित महत्वपूर्ण जन-मुद्दों पर केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की मांग की गई है।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार: AISF
AISF के राज्य सचिव विक्रम कुमार ने इस अवसर पर कहा कि सोनम वांगचुक ने अपना जीवन पर्यावरण संरक्षण, जलवायु न्याय और हिमालयी पारिस्थितिकी के संवर्धन के लिए समर्पित कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे व्यक्ति को प्रशासन द्वारा हिरासत में लेना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार है।विक्रम कुमार ने आगे कहा, “यह कदम न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार है, बल्कि यह उन सभी जनआवाज़ों को दबाने का प्रयास भी प्रतीत होता है जो पर्यावरण और जनहित में संघर्षरत हैं।” उन्होंने इस दमनात्मक कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए मांग की कि सोनम वांगचुक को अविलंब रिहा किया जाए और उनके विरुद्ध की गई सभी दमनात्मक कार्रवाइयों को तत्काल वापस लिया जाए।
लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन
AISF ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र में असहमति और अभिव्यक्ति का अधिकार भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार है। उनका मानना है कि किसी विचारशील एवं जनसेवी व्यक्ति की गिरफ्तारी लोकतांत्रिक परंपराओं और संविधानिक मूल्यों का उल्लंघन है तथा यह समाज में असहिष्णुता का वातावरण उत्पन्न करती है।
लद्दाख के लिए तीन सूत्री मांगें
सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग के साथ ही, AISF झारखंड राज्य परिषद ने राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में लद्दाख से संबंधित जन-मुद्दों पर हस्तक्षेप की मांग करते हुए निम्नलिखित तीन सूत्री मांगें रखी हैं:उच्चस्तरीय न्यायिक जांच: लद्दाख में हुई घटनाओं की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए।छठी अनुसूची में शामिल करना: लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएँ।मुकदमे वापस: आंदोलनकारियों पर लगाए गए सभी झूठे मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएँ।AISF ने आशा व्यक्त की है कि महामहिम राष्ट्रपति इन गंभीर मुद्दों पर संज्ञान लेते हुए पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक की रिहाई सुनिश्चित करेंगी और लद्दाख के जन-मुद्दों के समाधान के लिए केंद्र सरकार को आवश्यक निर्देश देंगी।