
जमशेदपुर। करीम सिटी कॉलेज, साकची, जमशेदपुर में गुरुवार को ओड़िया विभाग के तत्वावधान में गोपबंधु दिवस के अवसर पर एक प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ओड़िया के साथ-साथ अन्य भाषाओं के विद्यार्थियों और प्राध्यापकों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और ओड़िशा के इस महान सपूत को श्रद्धांजलि दी।
गोपबंधु दास की जीवनी पर प्रकाश
सभा की अध्यक्षता करीम सिटी कॉलेज के प्रधान परीक्षा नियंत्रक एवं बांग्ला विभाग के अध्यक्ष डॉ. बी. एन. त्रिपाठी ने की।कार्यक्रम की शुरुआत में ओड़िया विभाग की अध्यक्षा डॉ. अनुपमा मिश्रा ने विद्यार्थियों तथा अन्य अतिथि शिक्षकों का स्वागत किया। उन्होंने श्री गोपबंधु दास की विस्तृत जीवनी पर प्रकाश डाला और बताया कि वह ओड़िशा के एक महान सामाजिक कार्यकर्ता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं साहित्यकार थे। उन्हें पूरे ओड़िशा में उनके योगदान के लिए “उत्कळ मणि” के नाम से जाना जाता है।
दरिद्रों के सखा और राष्ट्रीयता के स्तंभ
अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ. बी. एन. त्रिपाठी ने गोपबंधु दास के राष्ट्र निर्माण में योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ओड़िशा में राष्ट्रीयता एवं स्वाधीनता संग्राम की बात करने पर सबसे पहले गोपबंधु दास का नाम लिया जाता है।डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि ओड़िशा वासी उनको उनके परोपकारी कार्यों के लिए “दरिद्रर सखा” (दरिद्र के सखा) के रूप में स्मरण करते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि गोपबंधु दास उत्कल के विशिष्ट दैनिक पत्र “समाज” के संस्थापक भी थे, जिसने सामाजिक जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभाई।
विद्यार्थियों ने भी रखे अपने विचार
कार्यक्रम में ओड़िया विभाग के विद्यार्थियों ने भी उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और अपने विचार प्रस्तुत किए। लिपिका नायक ने गोपबंधु दास के जीवन पर भाषण दिया, जबकि शिखा परिहारी ने उनके सम्मान में एक कविता प्रस्तुत की।इस अवसर पर डॉ. शाहबाज अंसारी तथा डॉ. मोहम्मद शाहनवाज भी मुख्य रूप से शामिल हुए। अंत में, हिंदी विभाग की प्राध्यापिका डॉ. संध्या सिंहा ने सभी उपस्थित लोगों का धन्यवाद ज्ञापन किया और सभा की समाप्ति की घोषणा की।