
सरायकेला। कांड्रा स्थित अमलगम स्टील एंड पावर लिमिटेड के खिलाफ नियोजन की मांग को लेकर विस्थापित कालिंदी परिवार द्वारा 6 अक्टूबर को किए गए शांतिपूर्ण आंदोलन के दौरान बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। विस्थापित परिवार ने कंपनी के एक सुरक्षा अधिकारी पर अभद्र व्यवहार, गाली-गलौज और जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल का गंभीर आरोप लगाया है।इस संबंध में कांड्रा निवासी गोविंद कालिंदी ने कांड्रा थाना प्रभारी को लिखित आवेदन देकर संबंधित अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने की मांग की है।
शांतिपूर्ण आंदोलन को बाधित करने का आरोप
गोविंद कालिंदी द्वारा दिए गए आवेदन में कहा गया है कि विस्थापितों का आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण था और वे अपने हक की लंबित नौकरियों की मांग कर रहे थे।शिकायत के अनुसार, कंपनी कर्मी तारकनाथ ने आंदोलन को बाधित करने का प्रयास किया और गोविंद कालिंदी तथा अन्य आंदोलनकारियों के खिलाफ जातिसूचक अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया। विस्थापित परिवार ने आरोप लगाया है कि यह कृत्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत एक गंभीर अपराध है।
जान से मारने की धमकी का पुराना मामला भी उठाया
गोविंद कालिंदी ने अपने आवेदन में केवल 6 अक्टूबर की घटना का ही उल्लेख नहीं किया है, बल्कि 9 सितंबर 2025 को हुई एक अन्य घटना को भी दोहराया है। उन्होंने बताया कि 9 सितंबर को कंपनी के ही एक अन्य अधिकारी आरएन. प्रसाद द्वारा उन्हें मारपीट की धमकी दी गई थी।आंदोलनकर्ता गोविंद कालिंदी ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि दोनों घटनाओं से संबंधित सीसीटीवी फुटेज को तुरंत सुरक्षित किया जाए और मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।पुलिस ने आवेदन स्वीकार कर लिया है और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू करने की बात कही है। विस्थापितों का कहना है कि वे अपने हक के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।