
घाटशिला (जमशेदपुर): घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में धनबल के दुरुपयोग को रोकने और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से व्यय प्रेक्षक दिलीप कुमार राठौड़ और जिला निर्वाचन पदाधिकारी (सह उपायुक्त) कर्ण सत्यार्थी ने आज समाहरणालय सभागार में जिले के बैंक प्रतिनिधियों और सभी प्रवर्तन एजेंसियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।बैठक में चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप, निर्वाचन प्रक्रिया और मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों द्वारा किए जा सकने वाले किसी भी अवैध वित्तीय लेन-देन पर कड़ाई से निगरानी रखने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए गए।
बैंकों के लिए कड़े निर्देश
व्यय प्रेक्षक ने विशेष रूप से बैंक प्रतिनिधियों को निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्देश दिए:लेन-देन की सूचना: यदि किसी भी खाते में एक लाख रुपये (₹1,00,000) या उससे अधिक का लेन-देन होता है, तो इसकी सूचना तुरंत व्यय कोषांग को दी जाएगी।संदेहास्पद लेन-देन पर निगरानी: सभी बैंकों को संदिग्ध और बड़े लेन-देन पर कड़ी निगरानी रखने और उनकी तुरंत रिपोर्टिंग करने को कहा गया है।क्यूआर कोड: बैंक अपने ग्राहकों के सही और वैध लेन-देन तथा नकदी के परिवहन के संबंध में क्यूआर कोड उपलब्ध कराएंगे, जिससे जांच के दौरान पारदर्शिता बनी रहे।रिपोर्टिंग प्रारूप: बैंक प्रतिनिधियों को जिला निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय और व्यय कोषांग को प्रपत्र 12-डी में नियमित रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया गया।
चुनावी खाता प्राथमिकता: प्रत्याशियों और उनके अभिकर्ताओं के इलेक्शन संबंधी बैंक खाते खोलने की प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर जल्द से जल्द पूरा करने को कहा गया।
नकदी परिवहन के लिए नियम
बैंकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि नकदी लेकर आवागमन करने वाली उनकी गाड़ियों के पास पूरे और वैध दस्तावेज होने चाहिए। यदि कोई वाहन एटीएम मशीन में पैसा डालने जा रहा है या एक बैंक शाखा से दूसरी बैंक शाखा में पैसा भेजा जा रहा है, तो वाहन में मौजूद बैंक कर्मियों के पास सभी आवश्यक कागजात अनिवार्य रूप से होने चाहिए। चेतावनी दी गई है कि दस्तावेजों के अभाव में उड़न दस्ता (Flying Squad) या स्टैटिक मजिस्ट्रेट द्वारा पकड़े जाने पर संबंधित बैंक कर्मी और वाहन भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे।
प्रवर्तन एजेंसियों को सतत निगरानी का निर्देश
बैठक में केंद्र और राज्य सरकार की सभी प्रमुख प्रवर्तन एजेंसियां—जैसे सी.जी.एस.टी (CGST), एस.जी.एस.टी (SGST), आयकर (Income Tax), जी.आर.पी (GRP), आर.पी.एफ (RPF), नागरिक उड्डयन (Civil Aviation) और उत्पाद विभाग (Excise Department) के पदाधिकारी उपस्थित रहे।इन एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि वे अवैध नकदी, शराब और ड्रग्स के परिवहन और कारोबार पर चौबीसों घंटे सतत निगरानी रखें। उन्हें किसी भी अवैध गतिविधि पर तत्काल कार्रवाई करने और इसकी समयबद्ध रिपोर्टिंग व्यय कोषांग को देने का निर्देश दिया गया है।
