
जमशेदपुर।लौहनगरी जमशेदपुर के इतिहास में पहली बार किन्नर अखाड़ा द्वारा एक भव्य और ऐतिहासिक धर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह सम्मेलन बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन सभागार में संपन्न हुआ, जिसमें किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं।
राम मंदिर में पूजा और भव्य जुलूस सम्मेलन की शुरुआत
डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने देश और राज्य में सुख-शांति की कामना करते हुए राम मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके पश्चात, शहर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ एक भव्य जुलूस निकाला गया, जो सभागार तक पहुंचा। इस दौरान लोगों ने किन्नर समुदाय के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किन्नर समाज के लोग एवं शहर के कई प्रबुद्धजन उपस्थित रहे, जिसने इस आयोजन को सामाजिक समावेशिता का प्रतीक बना दिया।
सनातन धर्म और समानता पर ज़ोर
मंच से उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने धर्म सम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन निम्नलिखित महत्वपूर्ण उद्देश्यों को लेकर आयोजित किया गया है जो कि मुख्य रूप से देश और राज्य में खुशहाली बनी रहे। समाज में लिंग के आधार पर होने वाला भेदभाव समाप्त हो, सनातन धर्म का मूल भाव और उसके सिद्धांत युवाओं तक प्रभावी ढंग से पहुँचे।
जमशेदपुर में भव्य मंदिर और आश्रम निर्माण की इच्छा
डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि वह चाहती हैं कि जमशेदपुर जैसे आध्यात्मिक शहर में अर्धनारीश्वर एवं माँ भगवती का एक भव्य मंदिर तथा किन्नर आश्रम का निर्माण हो। उन्होंने कहा कि ऐसे निर्माण से समाज में समानता और अध्यात्म का संदेश फैल सकेगा और किन्नर समुदाय को सामाजिक और आध्यात्मिक सहारा मिल पाएगा।यह धर्म सम्मेलन जमशेदपुर के लिए एक नई शुरुआत है, जो समाज के हर वर्ग को एक साथ लाने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने का संदेश देता है।
