
आदित्यपुर:सरायकेला जिले के आदित्यपुर नगर निगम के खिलाफ निवर्तमान पार्षदों का आक्रोश आखिरकार सड़कों पर फूट पड़ा। शनिवार से निगम कार्यालय के समीप दर्जनभर पूर्व पार्षदों ने अनिश्चितकालीन आमरण अनशन और भूख हड़ताल शुरू कर दी है। यह आंदोलन निगम की कथित लापरवाही, भ्रष्टाचार और अनियमित कार्यशैली के विरोध में किया जा रहा है।
गंदगी के बीच शुरू हुआ अनशन, प्रशासन की असंवेदनशीलता उजागर
अनशन स्थल की स्थिति खुद नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है। जिस जगह पार्षदों ने धरना शुरू किया, वहां गंदगी का अंबार लगा हुआ था। पूर्व से सूचना देने के बावजूद निगम प्रशासन ने स्थल की साफ-सफाई तक नहीं कराई। इससे नाराज पार्षदों ने कहा कि यही निगम की “वास्तविक तस्वीर” है — जो शहर की स्थिति को बयां करती है।
निवर्तमान पार्षदों के गंभीर आरोप
अनशन पर बैठे पार्षदों ने बताया कि पिछले दो वर्षों से नगर निगम अनाप-शनाप टैक्स वसूली कर रहा है, जबकि शहर में न तो नियमित सफाई होती है और न ही नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं मिल पा रही हैं। उनका कहना है कि बोर्ड बैठक में पास की गई कई योजनाओं का शिलान्यास तो हुआ, परंतु आज तक उनका कार्यान्वयन नहीं किया गया।पार्षदों ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, वे अनशन जारी रखेंगे। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि उनकी बातों को नजरअंदाज किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
मांगों की सूची और प्रशासन की चुप्पी
पूर्व पार्षदों ने अपनी मांगों में—शहर में नियमित सफाई व्यवस्था लागू करने,जल निकासी और सड़क मरम्मत कार्यों को शीघ्र पूरा करने,पास योजनाओं को धरातल पर उतारने,टैक्स वसूली की प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की है।हालांकि, इस आंदोलन पर अभी तक नगर निगम प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे पार्षदों और नागरिकों में असंतोष और बढ़ता जा रहा है।
अब निगाहें प्रशासनिक रुख पर
अनशन स्थल पर नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि भी पहुंच रहे हैं और पूर्व पार्षदों का समर्थन कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि नगर निगम प्रशासन इस आंदोलन को शांत करने के लिए क्या कदम उठाता है, या फिर यह विरोध आंदोलन आने वाले दिनों में और बड़ा रूप लेगा।
