
जमशेदपुर। एनएच-33 को सीधे जोड़ने वाली डोबो-कांदरबेड़ा सड़क का बहुप्रतीक्षित फोरलेन निर्माण कार्य आखिरकार शुरू हो गया है। इस परियोजना के पूर्ण होने से जमशेदपुर, सोनारी, डोबो और चांडिल के बीच आवागमन बेहद आसान हो जाएगा। झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग की ओर से इस सड़क के चौड़ीकरण पर 101.06 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।सड़क निर्माण कार्य शुरू होने के साथ ही प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से इस मार्ग पर वाहनों के आवागमन पर अस्थायी रोक लगा दी है। सरायकेला-खरसावां के डीटीओ गिरिजा शंकर महतो ने बताया कि 8 नवंबर से 12 नवंबर तक रात 2 बजे से सुबह 7 बजे तक डोबो-कांदरबेड़ा मार्ग पर सभी प्रकार के वाहनों का परिचालन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। इस दौरान नो-एंट्री व्यवस्था लागू रहेगी। वहीं, सुबह 7 बजे से रात 2 बजे तक सामान्य परिचालन जारी रहेगा।डीटीओ ने बताया कि यह निर्णय संभावित दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए लिया गया है, क्योंकि सड़क पर निर्माण कार्य के दौरान भारी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे इस अवधि में वैकल्पिक मार्ग — आदित्यपुर-कांड्रा-चौका या चांडिल होकर रांची व अन्य स्थानों की यात्रा करें।
7.91 किमी लंबे खंड पर 66 करोड़ सड़क निर्माण व 44 करोड़ भूमि अधिग्रहण में खर्च
इस परियोजना के तहत डोबो पुल से कांदरबेड़ा तक 7.91 किलोमीटर लंबे खंड का फोरलेन निर्माण किया जा रहा है। इसमें 66 करोड़ रुपये सड़क निर्माण पर और 44 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण व मुआवजा के रूप में खर्च किए जा रहे हैं।सड़क बनने के बाद शहरवासियों को जमशेदपुर से रांची आने-जाने में काफी राहत मिलेगी। वर्तमान में यह मार्ग बेहद जर्जर स्थिति में है और अक्सर हादसे होते रहे हैं। सड़क चौड़ी होने से यातायात सुगम होगा, समय की बचत होगी और भारी वाहनों के आवागमन में भी आसानी होगी।
देरी के बाद परियोजना को मिली रफ्तार
सूत्रों के अनुसार, भू-अर्जन की प्रक्रिया में देरी होने के कारण यह परियोजना लंबे समय से अटकी हुई थी। अब भूमि अधिग्रहण पूरा कर लिया गया है और ठेकेदार एजेंसी ने निर्माण कार्य को तेज गति से पूरा करने के निर्देश प्राप्त किए हैं। विभाग का लक्ष्य है कि निर्धारित समयसीमा में इस परियोजना को पूरा किया जाए ताकि जनता को शीघ्र लाभ मिल सके।इस परियोजना के पूरा हो जाने पर यह मार्ग एनएच-33 का एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक संपर्क मार्ग बन जाएगा, जो औद्योगिक क्षेत्र आदित्यपुर और सरायकेला-खरसावां के बीच आर्थिक गतिविधियों को भी नई दिशा देगा।
