जमशेदपुर की सीए अनामिका राणा को दुबई में अंतरराष्ट्रीय सम्मान, वित्तीय शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला ग्लोबल अवार्ड

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जमशेदपुर। शहर की बेटी और दुबई स्थित फाइनेंस एजुकेटर एवं कंटेंट क्रिएटर सीए अनामिका राणा को प्रतिष्ठित अफिलिएट समिट ग्लोबल अवार्ड्स में अंतरराष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया है। यह सम्मान उन्हें वित्तीय शिक्षा (Financial Education) और डिजिटल प्रभाव (Digital Influence) के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया।अनामिका राणा, टाटा स्टील के पूर्व प्रोजेक्ट हेड विजय सिंह राणा की छोटी बेटी हैं। उनके इस सम्मान से न केवल जमशेदपुर, बल्कि पूरे झारखंड का गौरव बढ़ा है।

वित्तीय साक्षरता को सरल भाषा में जन-जन तक पहुंचाया

अनामिका राणा ने जटिल वित्तीय अवधारणाओं को आम लोगों के लिए सहज, सरल और व्यावहारिक रूप में प्रस्तुत किया है। उनके ऑनलाइन कोर्स, वेबिनार, यूट्यूब कंटेंट और वित्तीय कार्यशालाओं (वर्कशॉप्स) के माध्यम से हजारों पेशेवरों, उद्यमियों और युवाओं ने वित्तीय निर्णयों में आत्मविश्वास हासिल किया है।उनकी शिक्षण शैली विशेष रूप से युवाओं में लोकप्रिय है क्योंकि वे वित्त, निवेश, टैक्स प्लानिंग और वेल्थ मैनेजमेंट जैसे विषयों को वास्तविक जीवन के उदाहरणों के साथ समझाती हैं। उनके डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर लाखों फॉलोअर्स हैं, जो नियमित रूप से उनके फाइनेंशियल टिप्स से लाभान्वित हो रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर सराहा गया योगदान

अफिलिएट समिट ग्लोबल अवार्ड्स के दौरान आयोजकों ने कहा कि अनामिका राणा ने तकनीकी वित्तीय ज्ञान और आम समझ के बीच एक मजबूत पुल का निर्माण किया है। उनके प्रयासों ने डिजिटल युग में फाइनेंशियल लिटरेसी (वित्तीय साक्षरता) की अहमियत को नए सिरे से परिभाषित किया है।समारोह में मौजूद अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने कहा कि आज जब वैश्विक अर्थव्यवस्था लगातार डिजिटल हो रही है, ऐसे में अनामिका जैसे शिक्षकों की भूमिका बेहद अहम हो जाती है, जो वित्तीय विषयों को जन-सुलभ बनाते हैं।

वैश्विक मंच पर भारतीय युवाओं की पहचान

अवॉर्ड प्राप्त करने के बाद अनामिका राणा ने कहा —“यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि हर उस भारतीय युवा का है जो सीखने और सिखाने की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है। मेरा लक्ष्य है कि हर व्यक्ति वित्तीय रूप से सक्षम और आत्मनिर्भर बने।उनकी इस उपलब्धि से यह साबित होता है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से भारत के युवा अब न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहे हैं।

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