घाटशिला उपचुनाव: प्रतिष्ठा की लड़ाई, प्रचार का शोर थमा, आखिरी 48 घंटे में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति चरम पर

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जमशेदपुर/घाटशिला: घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान में अब महज 48 घंटे का समय शेष रह गया है। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने इस सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अंतिम दौर के प्रचार में जहां आरोप-प्रत्यारोपकी झड़ी लगी रही, वहीं जमीनी और विकास के मुद्दे हाशिए पर रहे। यह उपचुनाव सत्ताधारी महागठबंधन और विपक्षी एनडीए दोनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन चुका है।

महागठबंधन की अंतिम अपील

चुनाव प्रचार के अंतिम दिन, शनिवार को, राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी विधायक पत्नी के साथ अंतिम चुनावी जनसभा को संबोधित किया।मुख्यमंत्री ने महागठबंधन प्रत्याशी सोमेश सोरेन के पक्ष में जमकर मतदान की अपील की और अपनी सरकार के कार्यों को गिनाया।

बीजेपी का ‘छः साल का हिसाब’ और तीखा हमला

दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सरकार को घेरा और छः साल के शासन का हिसाब मांगा। बीजेपी नेताओं ने क्षेत्र के पिछड़ेपन, महिलाओं एवं आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर जमकर हमला बोला।

पूर्व सांसद गीता कोड़ा का तीखा वार

बीजेपी नेत्री और पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने वर्तमान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गीता कोड़ा (बीजेपी नेत्री) ने कहा कि “राज्य में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 6000 से भी अधिक महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ है। इसमें सबसे अधिक संख्या आदिवासी महिलाओं की है। सरकार ‘मैया सम्मान योजना’।के तहत जोड़े गए नामों को भी साजिश के तहत हटा रही है। उन्होंने कहा कि घाटशिला का जिस स्तर का विकास होना चाहिए, वह जमीन पर कहीं नज़र नहीं आ रहा है।कोड़ा ने आरोप लगाया कि सरकार के नेता और मंत्री मुद्दों को छोड़कर निजी और व्यक्तिगत आरोप लगाकर भाजपा नेताओं की छवि को गलत तरीके से दुष्प्रचारित कर रहे हैं।गीता कोड़ा ने चाईबासा में ‘नो एंट्री’ की घटना का ज़िक्र करते हुए सरकार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह घटना इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि यह सरकार आदिवासी महिलाओं के साथ किस तरह का अत्याचार कर रही है, जहां गर्भवती महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार हुआ और आज भी वह महिला जेल में है।

भाजपा नेता दिनेशानंद गोस्वामी

भाजपा नेता डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी ने भी सरकार पर तीखे हमले किए और दावा किया कि घाटशिला में भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन की जीत सुनिश्चित है।

जनता के जनादेश का इंतजार

दोनों ही दल, एनडीए और महागठबंधन, अपनी पूरी ताकत और संसाधनों के साथ चुनावी मैदान में डटे हुए हैं। दोनों ही गठबंधन इस जीत को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जनता के रुख के रूप में देखना चाहते हैं।गीता कोड़ा ने दावा किया कि राज्य की जनता वर्तमान शासन से उब चुकी है और वह घाटशिला उपचुनाव में बदला लेने को आतुर।नज़र आ रही है।अब, प्रचार का शोर थमने के बाद, सभी की निगाहें मतदाताओं पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता का जनादेश किस ओर जाता है और घाटशिला की सीट पर कौन सा गठबंधन जीत का परचम लहराता है।

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