आदरडीह में एसएम स्टील कंपनी की स्थापना को लेकर जनसुनवाई में विवाद — ग्रामीणों ने उठाई रोजगार और पर्यावरण सुरक्षा की मांग, कहा बिना ग्रामसभा अनुमति गैरकानूनी है प्रक्रिया

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चांडिल ।चांडिल अनुमंडल के नीमडीह प्रखंड अंतर्गत आदरडीह गांव में मंगलवार को एसएम स्टील कंपनी की स्थापना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति को लेकर झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जनसुनवाई का आयोजन किया गया।इस जनसुनवाई में मुख्य अतिथि के रूप में एडीसी जवर्धन कुमार उपस्थित थे। उनके साथ अंचल अधिकारी अभय कुमार द्विवेदी, जिला प्रदूषण परिषद के अधिकारी जितेंद्र सिंह, पर्यावरण विज्ञानी प्रियंका कुमारी, कंपनी प्रतिनिधि, जमीनदाता और बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे।

रोजगार, स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा की मांग

जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों और जमीनदाताओं ने जोरदार तरीके से अपनी मांगें रखीं।उन्होंने कहा कि यदि कंपनी को क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने की अनुमति दी जाती है, तो ग्रामीणों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार,स्थानीय स्कूलों और अस्पतालों का उन्नयन,और पर्यावरण संरक्षण की ठोस गारंटी दी जानी चाहिए।ग्रामीणों का कहना था कि जब तक इन बिंदुओं पर लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता,किसी भी स्थिति में भूमि अधिग्रहण या प्लांट निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी।

विरोध में उतरे ग्रामीण, जनसुनवाई को बताया गैरकानूनी

जनसुनवाई के समानांतर कई ग्रामीणों ने कार्यक्रम का विरोध करते हुए इसे गैरकानूनी बताया।उनका आरोप था कि ग्रामसभा की अनुमति के बिना जनसुनवाई आयोजित की गई है,जो समता जजमेंट और अनुसूचित क्षेत्रों के कानूनों का उल्लंघन है।विरोध कर रहे ग्रामीणों ने घंटों तक सड़क पर धरना दिया और बाद में जिला प्रशासन को स्मारपत्र सौंपा।उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने ग्रामीणों की सहमति के बिना उद्योग स्थापित करने की कोशिश की,तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

प्रशासन ने दिया आश्वासन

विवाद और विरोध के बीच आखिरकार जनसुनवाई संपन्न हुई।अधिकारियों ने ग्रामीणों की मांगों को उचित फोरम पर भेजने का आश्वासन दिया।उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के सुझावों और आपत्तियों को पर्यावरण स्वीकृति प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।

750 एकड़ में लगेगा पावर एंड स्टील प्लांट

सूत्रों के अनुसार, एसएम स्टील कंपनी लगभग 750 एकड़ जमीन पर पावर एंड स्टील उद्योग लगाने की योजना बना रही है।कंपनी का दावा है कि परियोजना से स्थानीय स्तर पर हजारों रोजगार के अवसर सृजित होंगे और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।हालांकि, ग्रामीणों के विरोध और कानूनी अड़चनों के चलते परियोजना का भविष्य फिलहाल अनिश्चित दिखाई दे रहा है।

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