जनजातीय संस्कृति का महाकुंभ: टाटा स्टील फाउंडेशन के ‘संवाद’ के 12वें संस्करण का जमशेदपुर में भव्य आगाज

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जमशेदपुर :टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा आयोजित भारत के सबसे बड़े आदिवासी सांस्कृतिक सम्मेलनों में से एक ‘संवाद कॉन्क्लेव 2025’ का 12वां संस्करण बड़े धूमधाम से शुरू हो गया। यह आयोजन इस बार दो ऐतिहासिक अवसरों को समर्पित है— झारखंड का 25वां स्थापना दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती।

26 राज्यों के 153 जनजातियों से 2,500 प्रतिभागियों की उपस्थिति

संवाद 2025 में देश भर के 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 153 जनजातियों के 2,500 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए हैं। इसका उद्देश्य लगभग 50% आदिवासी प्रतिनिधित्व को एक मंच पर लाना है।2014 में शुरुआत के बाद से संवाद देशभर की 333 जनजातियों के 43,500 से अधिक लोगों को जोड़ने वाला एक अनूठा सांस्कृतिक मंच बन चुका है।

आदिवासी बुजुर्गों और बच्चों ने किया उदघाटन

कार्यक्रम का शुभारंभ झारखंड के आदिवासी समुदाय के बुजुर्गों, टाटा स्टील फाउंडेशन के वरिष्ठ नेतृत्व और संवाद की परंपरा के तहत नौ युवाओं ने संयुक्त रूप से किया। यह आयोजन अंतर-पीढ़ीगत सीख और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का प्रतीक है।

कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं

1. 30 आउटलेट में आदिवासी चिकित्सा पद्धतियाँ

12 राज्यों की 24 जनजातियों के आदिवासी चिकित्सक पारंपरिक उपचार, कायरोप्रैक्टिक, जीवनशैली रोगों और बांझपन संबंधी चिकित्सा पद्धतियाँ साझा कर रहे हैं। यह पहल पारंपरिक ज्ञान को मुख्यधारा में लाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

2. आदिवासी व्यंजनों की अनूठी दुनिया – अब ज़ोमैटो पर भी उपलब्ध

इस वर्ष पहली बार आदिवासी भोजन को ज़ोमैटो के माध्यम से भी उपलब्ध कराया गया है।15 नवंबर को दोपहर 3 बजे से और 16–19 नवंबर तक प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक।12 राज्यों की 12 जनजातियों के 19 होम कुक अपने विशेष व्यंजन पेश कर रहे हैं, जो आगंतुकों को विशिष्ट पाक संस्कृति का अनुभव कराएंगे।

3.आदिवासी हस्तशिल्प की भव्य प्रदर्शनी

गोपाल मैदान में बनाए गए 51 आउटलेट्स में 18 राज्यो से आए हुए 30 जनजातियोंकी 34 कलाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है।यहां घर सजावट, पारंपरिक वस्त्र, पेंटिंग, आभूषण, ब्लू पॉटरी सहित कई अनूठे उत्पाद प्रदर्शित हैं।

समुदाय के साथ’ – फिल्मों के माध्यम से आदिवासी दृष्टिकोण

फिल्मों के माध्यम से आदिवासी समुदायों की संस्कृति, ज्ञान और विकास मॉडल को उजागर करने वाली यह पहल सात सफल राष्ट्रीय लघु फिल्म प्रतियोगिताओं का आयोजन कर चुकी है।अब तक 250 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं और 46 फिल्मों को सम्मानित किया जा चुका है।आठवीं प्रतियोगिता वर्तमान में जारी है।

संवाद फेलोशिप – सांस्कृतिक संरक्षण की मजबूत परंपरा

इस वर्ष संवाद फेलोशिप में 26 राज्यों के 122 जनजातियों के 572 आवेदकों में से 34 फेलो चुने गए हैं।अब तक 70 बौद्धिक संपदा आधारित सांस्कृतिक प्रोजेक्ट पूरे किए जा चुके हैं। इस वर्ष पांच नई परियोजनाएँ जारी होंगी और पाँच नए फेलो को सम्मानित किया जाएगा।

संवाद 2025 – आदिवासी संस्कृति, इतिहास और पहचान का भव्य संगम

संवाद का यह संस्करण न केवल सांस्कृतिक संरक्षण, संवाद और आदिवासी ज्ञान को आगे बढ़ाने का मंच है, बल्कि झारखंड की धरोहर, बिरसा मुंडा की विरासत और भारत के आदिवासी समुदायों की विविधता को एक सूत्र में जोड़ने का अद्वितीय अवसर भी है।15 से 19 नवंबर तक यह आयोजन प्रतिदिन विचार-विमर्श, प्रदर्शनियों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और पारंपरिक ज्ञान के आदान-प्रदान के साथ जारी रहेगा।

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