
सरायकेला:सरायकेला जिले में अवैध अफीम की खेती को रोकने के लिए जिला पुलिस प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। वर्तमान फसलीय वर्ष की शुरुआत से पहले ही पुलिस द्वारा एक ‘प्री-कल्टीवेशन ड्राइव’ अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है और उन्हें लाभकारी वैकल्पिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
अभियान का उद्देश्य और जागरूकता
यह अभियान उन सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों पर केंद्रित है, जहां पारंपरिक रूप से अवैध अफीम की खेती होती रही है। पिछले फसलीय वर्ष में जिन जगहों पर अफीम की अवैध खेती की गई थी, उन सभी स्थानों का इस वर्ष पुलिस टीम द्वारा सत्यापन किया गया है।सत्यापन में यह पाया गया कि कई किसानों ने अफीम छोड़कर अन्य फसलों की बुवाई के लिए अपने खेतों की जुताई शुरू कर दी है, जो प्रशासन के प्रयासों की सफलता को दर्शाता है। पुलिस टीम विभिन्न माध्यमों से ग्रामीणों को अफीम की खेती के कानूनी जोखिमों और वैकल्पिक फसलों के लाभ के बारे में जागरूक कर रही है।
चौका थाना क्षेत्र में बीज वितरण
इसी क्रम में, मंगलवार को चौका थाना क्षेत्र के सबसे सुदूर गांव मुटुदा में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।थाना प्रभारी बजरंग महतो के नेतृत्व में वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों के बीच उच्च गुणवत्ता वाले बीज वितरित किए गए। किसानों को चना, सरसों, गेहूं और मटर के बीज बांटे गए।इस कार्यक्रम में 70 से 80 किसान परिवारों ने हिस्सा लिया, और उन्हें कुल लगभग 450 किलोग्राम बीज वितरित किए गए।
पुलिस अधीक्षक की अपील
पुलिस प्रशासन का मानना है कि इन पारंपरिक सब्जियों और अनाज की फसलों को अपनाने से ग्रामीण आसानी से अफीम की खेती पर निर्भरता छोड़कर एक सुरक्षित और स्थिर आजीविका की ओर लौट सकेंगे।पुलिस अधीक्षक ने आमजनों से अपील की है कि वे अफीम की खेती को पूरी तरह त्याग दें और सुरक्षित तथा लाभकारी वैकल्पिक खेती को अपनाकर जिले के विकास में सहयोग करें।
