
जमशेदपुर। दुर्गा पूजा के दौरान शहर में शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए, जिला दण्डाधिकारी-सह-उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी और वरीय पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडेय ने टाउन हॉल, सिदगोड़ा में केंद्रीय शांति समिति के सदस्यों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में विधि-व्यवस्था, ट्रैफिक प्रबंधन, सुरक्षा और आवश्यक सुविधाओं को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।
पूजा समितियों ने रखी अपनी समस्याएं
बैठक में शांति समिति के सदस्यों ने विभिन्न पूजा पंडालों से जुड़ी समस्याओं को उठाया। इनमें साफ-सफाई, पेयजल, निर्बाध बिजली आपूर्ति, महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती, सुगम यातायात, सड़कों की मरम्मत और विसर्जन घाटों पर आवश्यक सुविधाओं की मांग शामिल थी। जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया कि इन सभी मुद्दों पर संबंधित विभागों को निर्देश दिए जा रहे हैं और सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरी कर ली जाएंगी।
उपायुक्त ने दिए कड़े निर्देश
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि जिला प्रशासन लगातार त्योहार की तैयारियों की समीक्षा कर रहा है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो। उन्होंने सभी पूजा समितियों से तय विसर्जन रूट का ही इस्तेमाल करने, पंडालों में जनरेटर और माइकिंग सिस्टम को दुरुस्त रखने, और पहले से ही पार्किंग स्थल तय करने की अपील की। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी श्रद्धालु के साथ दुर्व्यवहार न हो और पंडालों में लगे सीसीटीवी कैमरे सही से काम कर रहे हों।
सोशल मीडिया पर अफवाहों से सतर्क रहने की सलाह
वरीय पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडेय ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने पंडालों में महिला स्वयंसेवकों को रखने की सलाह दी। उन्होंने सभी पूजा समितियों से विद्युत विभाग और अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेना अनिवार्य बताया। सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों को लेकर उन्होंने विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कोई भी फेक न्यूज को फॉरवर्ड न करें और उसकी सत्यता की पुष्टि के लिए पुलिस या प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करें।
पंडालों के लिए सुरक्षा दिशा निर्देश
बैठक में पूजा समितियों से अपील की गई कि वे सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ नियमों का पालन करें:पंडाल में क्षमता से अधिक लोगों को प्रवेश न दें।प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग रास्ते बनाएँ।पंडाल और मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाएँ।आयोजन समिति के एक सदस्य और एक पुलिसकर्मी लगातार वीडियो की निगरानी करें।स्वयंसेवकों की सूची थाने को उपलब्ध कराएँ, जिनकी ब्रीफिंग थाना प्रभारी द्वारा की जाएगी।”खोया-पाया” अनाउंसमेंट की व्यवस्था रखें और फर्स्ट-एड बॉक्स हमेशा उपलब्ध हो।इस मौके पर कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे जिन्होंने इस बैठक को सफल बनाने में सहयोग किया।