
जमशेदपुर। जमशेदपुर स्थित झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी से जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज के +2 शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान शिक्षकों ने केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति (एनईपी/एनपीई) के तहत जारी उस आदेश को लेकर गहरी चिंता जताई, जिसमें कॉलेजों में संचालित +2 कक्षाओं को बंद किए जाने की बात कही गई है।
शिक्षकों के भविष्य को लेकर असमंजस
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि +2 कक्षाओं को बंद किए जाने के निर्णय में +2 शिक्षकों की भूमिका, सेवा शर्तों और भविष्य को लेकर अब तक कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश या स्टेक तय नहीं किया गया है। इससे शिक्षकों के बीच अनिश्चितता, मानसिक दबाव और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है।शिक्षकों का कहना था कि वे लंबे समय से कॉलेज में +2 स्तर की पढ़ाई कराते आ रहे हैं, लेकिन नए आदेश के बाद यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी सेवाएं किस रूप में जारी रहेंगी।समायोजन की क्या व्यवस्था होगी।वेतन, पद और कार्यक्षेत्र पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
हस्तक्षेप कर समाधान की मांग
शिक्षक प्रतिनिधियों ने कुणाल षाड़ंगी से आग्रह किया कि वे इस मामले में सरकार के स्तर पर हस्तक्षेप करें और शिक्षकों के हितों की रक्षा सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि बिना स्पष्ट नीति और वैकल्पिक व्यवस्था के इस तरह का निर्णय शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों दोनों के लिए नुकसानदेह है।
कुणाल षाड़ंगी का आश्वासन
मामले की गंभीरता को समझते हुए कुणाल षाड़ंगी ने शिक्षकों को आश्वस्त किया कि वह इस विषय को गंभीरता से उठाएंगे। उन्होंने कहा कि “+2 शिक्षकों के हितों की अनदेखी नहीं होने दी जाएगी। इस मुद्दे पर मंगलवार को शिक्षा मंत्री के सचिव से मुलाकात कर चर्चा की जाएगी और जल्द से जल्द समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।”उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा शिक्षा से जुड़े मामलों में हमेशा शिक्षकों और विद्यार्थियों के पक्ष में खड़ा रहा है।
शिक्षकों को जल्द समाधान की उम्मीद
प्रतिनिधिमंडल ने आश्वासन के लिए कुणाल षाड़ंगी का आभार जताया और उम्मीद व्यक्त की कि सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर स्पष्ट और न्यायसंगत निर्णय लेगी, जिससे शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
