दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में रंजनी हाथी को मिला नया साथी, तीन माह का बेबी हाथी पहुंचा हिरण पार्क

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जमशेदपुर:दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के माकूलाकोचा स्थित हिरण पार्क में लंबे समय से अकेली रह रही ‘रजनी’ हाथी को आखिरकार एक नया साथी मिल गया है। चाईबासा से रेस्क्यू किए गए तीन महीने के एक नन्हे शिशु हाथी को शनिवार को पूरे राजकीय सम्मान और सुरक्षा के बीच दलमा लाया गया। इस नन्हे मेहमान के आगमन से वन विभाग और पर्यटकों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

गड्ढे में गिर गया था नन्हा हाथी, चाईबासा टीम ने किया रेस्क्यू

जानकारी के अनुसार, यह शिशु हाथी चाईबासा वन प्रमंडल के हॉट गंहारिया जंगल में अपने झुंड के साथ भ्रमण कर रहा था। इसी दौरान वह एक गहरे गड्ढे में गिरकर अपने परिवार से बिछड़ गया। चाईबासा वन विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला। शिशु की सुरक्षा और बेहतर परवरिश के लिए उच्चाधिकारियों के निर्देश पर इसे दलमा सेंचुरी भेजने का निर्णय लिया गया।

गुजरात की ‘वनतारा’ और विशेषज्ञों की देखरेख में इलाज

बेबी हाथी की सेहत का खास ख्याल रखा जा रहा है। रिलायंस (गुजरात) के ‘वनतारा’ प्रोजेक्ट से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम नन्हे हाथी की चौबीसों घंटे निगरानी कर रही है। डॉक्टरों के अनुसार, बेबी हाथी की स्थिति फिलहाल स्थिर और संतोषजनक है। एहतियात के तौर पर और इलाज की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए वर्तमान में उसके चारों पैरों को बांधकर रखा गया है ताकि वह खुद को चोट न पहुंचा ले।पूरे उपचार और प्रबंधन की निगरानी दलमा पश्चिम वन क्षेत्र चांडिल के पदाधिकारी दिनेश चंद्रा की मौजूदगी में की जा रही है।

रजनी का अकेलापन होगा दूर, पर्यटकों में उत्साह

दलमा के हिरण पार्क में ‘रंजनी’ हाथी लंबे समय से अकेली थी। वन विभाग का मानना है कि इस नन्हे हाथी के आने से रंजनी का अकेलापन दूर होगा और दोनों के बीच एक गहरा लगाव विकसित होगा।दलमा घूमने पहुंचे पर्यटकों ने जब हिरण और सांभर के साथ-साथ इस नए बेबी हाथी के आने की खबर सुनी, तो उनका उत्साह दोगुना हो गया। पर्यटकों का कहना है कि यह नन्हा मेहमान आने वाले दिनों में दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का सबसे बड़ा आकर्षण बनेगा।

पर्यटन को मिलेगी नई पहचान

वन अधिकारियों का मानना है कि हाथियों की यह जोड़ी दलमा में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देगी। रंजनी और इस शिशु हाथी का साथ होना न केवल वन्यजीव प्रेमियों के लिए सुखद है, बल्कि यह विभाग के सफल संरक्षण प्रयासों की भी एक मिसाल है।

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