
सरायकेला/चांडिल: सरायकेला जिले के चांडिल अनुमंडल अंतर्गत नीमडीह प्रखंड क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को हाथियों ने न केवल फसलों को भारी नुकसान पहुँचाया, बल्कि एक ग्रामीण पर जानलेवा हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस घटना के बाद से पूरे इलाके में भय और असुरक्षा का माहौल व्याप्त है।
शौच के लिए निकले ग्रामीण पर हाथी का हमला
मिली जानकारी के अनुसार, हूंडरू पाथरडीह गांव निवासी कंका सिंह उर्फ कोकिल सिंह गुरुवार तड़के जब शौच के लिए घर से बाहर निकले थे, तभी अचानक एक जंगली हाथी से उनका सामना हो गया। इससे पहले कि वे बच पाते, हाथी ने उन्हें अपनी सूंड से उठाकर जमीन पर पटक दिया। चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर दौड़े और शोर मचाकर हाथी को जंगल की ओर खदेड़ा। घायल कंका सिंह को आनन-फानन में स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
16 हाथियों का झुंड: रघुनाथपुर में मची तबाही
दूसरी ओर, लगभग 16 जंगली हाथियों के एक बड़े झुंड ने रघुनाथपुर गांव के बड़डीह टोला में जमकर उत्पात मचाया। हाथियों ने किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फेरते हुए निम्नलिखित फसलों को बर्बाद कर दिया।कटाई के लिए तैयार फसल को हाथियों ने खाया और रौंद डाला ।बड़े पैमाने पर लगी केले की बागवानी और सब्जियों के खेतों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। किसानों का कहना है कि वे कर्ज लेकर खेती कर रहे थे, लेकिन इस तबाही ने उन्हें आर्थिक रूप से तोड़ दिया है।
दहशत में जी रहे ग्रामीण, वन विभाग के खिलाफ नाराजगी
हाथियों की लगातार मौजूदगी के कारण नीमडीह के कई गांवों में शाम ढलते ही सन्नाटा पसर जाता है। लोग रात के समय घरों से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग को सूचना दिए जाने के बावजूद हाथियों को भगाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
प्रमुख मांगें:
ग्रामीणों और प्रभावित किसानों ने वन विभाग और प्रशासन से निम्नलिखित मांगें की हैं जिसमे प्रभावित किसानों को हुए फसल नुकसान का उचित आकलन कर तत्काल मुआवजा दिया जाए।हाथी के हमले में घायल कंका सिंह के समुचित और निशुल्क इलाज की व्यवस्था हो।इलाके में वन विभाग की टीम गश्त बढ़ाए और हाथियों को सुरक्षित गहरे जंगलों की ओर खदेड़ा जाए।
