
चाईबासा: चाईबासा-कांड्रा मुख्य मार्ग की जर्जर स्थिति और टोल प्लाजा पर ली जा रही मनमानी टैक्स वसूली के खिलाफ अब आवाज मुखर होने लगी है। बुधवार को समाजसेवी रेयांस सामड ने इस गंभीर समस्या को लेकर झारखंड सरकार के परिवहन एवं भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरुआ से मुलाकात की और उन्हें एक मांग पत्र सौंपा।
जानलेवा बनी जर्जर सड़क, हादसों में इजाफा
मंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में रेयांस सामड ने सड़क की भयावह स्थिति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि चाईबासा-कांड्रा सड़क खंड पूरी तरह जर्जर हो चुका है। बड़े-बड़े गड्ढों के कारण इस मार्ग पर आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। जर्जर सड़क न केवल आवागमन में बाधा डाल रही है, बल्कि आम जनता के जान-माल के लिए भी गंभीर खतरा बन गई है।
“जब सड़क ठीक नहीं, तो टोल टैक्स क्यों?”
समाजसेवी सामड ने टोल वसूली पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि एक तरफ सड़क चलने लायक नहीं है, वहीं दूसरी ओर टोल प्लाजा पर वाहनों से मनमाने ढंग से टैक्स वसूला जा रहा है। उन्होंने झारखंड मोटर व्हीकल टैक्सेशन एक्ट, 2001 का हवाला देते हुए कहा नागरिक पहले से ही वाहन कर (रोड टैक्स) का भुगतान करते हैं, जिसका उद्देश्य सड़कों का रख-रखाव और विकास है। खराब सड़क पर भी भारी टोल टैक्स वसूलना जनभावनाओं के विपरीत है और इससे नागरिकों में गहरा असंतोष व्याप्त है।
प्रमुख मांगें
चाईबासा-कांड्रा सड़क की मरम्मत या पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण होने तक टोल टैक्स की वसूली को पूर्णतः बंद किया जाए। जनसुविधा और सड़क की गुणवत्ता के अनुरूप भविष्य में टोल दरों को न्यूनतम स्तर पर पुनर्निर्धारित किया जाए। एकत्रित राजस्व का उपयोग कर इस महत्वपूर्ण सड़क खंड का अविलंब जीर्णोद्धार किया जाए।
बड़े आंदोलन की चेतावनी
रेयांस सामड ने मंत्री को सौंपे मांग पत्र के माध्यम से प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी है कि यदि इस समस्या पर शीघ्र सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई, तो वे जनहित में बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस समस्या की अनदेखी करना चिंताजनक है और अब जनता चुप नहीं बैठेगी।मंत्री दीपक बिरुआ ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए मामले की गंभीरता को समझा और उचित विभागीय कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
