
जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस कमेटी ने गुरुवार को डीटीओ धनंजय से मुलाकात कर जिले के वाहन मालिकों और आम जनता की समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे ने किया। डीटीओ ने प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को गंभीरता से सुनते हुए आश्वासन दिया कि समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जाएगा।
एकमुश्त परमिट शुल्क से राहत की मांग
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वाहन परमिट शुल्क में एकमुश्त पांच साल की राशि जमा करने की अनिवार्यता समाप्त की जाए। “एकमुश्त भुगतान न करने पर 10,000 रुपये जुर्माना वाहन मालिकों और चालकों के लिए अत्यधिक बोझिल है,” प्रतिनिधिमंडल ने बताया। इससे कई वाहन मालिक और चालक आर्थिक संकट में हैं।
वाहन जांच प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता
कांग्रेस ने सड़क पर वाहन जांच के दौरान चालकों में भय और दुर्घटना की संभावना बढ़ने की ओर ध्यान दिलाया। प्रतिनिधिमंडल ने सुझाव दिया कि वाहन जांच के स्थान पर ऑनलाइन लैपटॉप से टैक्स और वीमा भरने की व्यवस्था की जाए, जिससे सरकार को राजस्व भी प्राप्त हो और जनता में डर का माहौल न बने।
बसों में आरक्षित सीटों का पालन
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि बसों में जनप्रतिनिधियों, महिलाओं और दिव्यांगों के लिए सीटें अनिवार्य रूप से आरक्षित की जाएं। इसके लिए सरकारी अधिकारियों द्वारा बसों का भौतिक सत्यापन किया जाना चाहिए।
पुराने व्यवसायिक वाहनों के टैक्स नोटिस पर आपत्ति
पूर्वी सिंहभूम जिले के 15 वर्ष से अधिक पुराने छोटे और बड़े व्यवसायिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन समाप्त होने के बाद भी परिवहन टैक्स वसूली के नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इससे गरीब और मध्यम वाहन मालिक जेल जाने के भय में हैं। प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि बकाया टैक्स का 25% जमा करके सेटलमेंट की सुविधा दी जाए।
अन्य मांगें
*परमिट शुल्क का भुगतान तिमाही या मासिक स्लैब के माध्यम से किया जाए।
*रोज़गारी और आर्थिक संकट को देखते हुए जुर्माना राशि कम या माफ की जाए।
*वाहन चेकिंग प्रक्रिया को मानवीय और यातायात-अनुकूल बनाया जाए।
*सभी लंबित कार्यों को शीघ्र निपटाया जाए और ऑनलाइन प्रक्रिया सरल की जाए।
जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे ने कहा, “इन सुधारों से न केवल जनता का विश्वास बढ़ेगा बल्कि प्रशासनिक प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुलभ बनेगी। हमारी कोशिश है कि वाहन मालिकों और आम जनता को न्याय मिले और उन्हें भयमुक्त परिवहन व्यवस्था का अनुभव हो।”