
चांडिल।टाटा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-33) पर पिछले 18 घंटे से जाम की स्थिति बनी रही। शुक्रवार की शाम 6 बजे से शुरू हुआ यह जाम शनिवार दोपहर 12 बजे तक जारी रहा। सात किलोमीटर लंबे इस जाम ने यात्रियों की मुश्किलें बढ़ा दीं। बसों, निजी वाहनों, ट्रकों के साथ-साथ एंबुलेंस और स्कूली बसें भी फंसी रहीं, जिससे मरीजों और बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
चांडिल गोलचक्कर बना जाम का मुख्य कारण
जाम का सबसे बड़ा कारण चांडिल गोलचक्कर के पास सड़क की जर्जर स्थिति और लगातार हो रही बारिश से बने गड्ढे हैं। गोलचक्कर से लेकर जरियाडीह और नारगाडीह तक वाहनों की लंबी कतार लग गई। कई वाहन वैकल्पिक मार्ग से निकलने की कोशिश करते रहे, लेकिन वहां भी सड़क निर्माण कार्य और खराब स्थिति के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा।
एंबुलेंस और स्कूली बच्चों पर संकट
जाम में कई एंबुलेंस सायरन बजाते फंसी रहीं, लेकिन यातायात सुचारू न होने के कारण मरीजों की स्थिति गंभीर बनी रही। वहीं, स्कूली बसों में बैठे बच्चों को भी घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ा। यात्रियों ने इसे प्रशासन और संबंधित विभाग की बड़ी लापरवाही बताया।
पुलिस कर रही प्रयास, लेकिन नहीं दिखा असर
पुलिस लगातार जाम हटाने की कोशिश करती रही, लेकिन वाहनों की भारी संख्या और खराब सड़क के कारण जाम कम होने के बजाय और बढ़ता गया। दोपहिया वाहन चालकों के लिए तो यह मार्ग बेहद खतरनाक हो गया है। गड्ढों से बचने की कोशिश में वाहन चालक गिरने से बाल-बाल बचे।
एनएचएआई के खिलाफ आक्रोश
ग्रामीणों और यात्रियों ने एनएचएआई की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है, लेकिन इसके बावजूद विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। लोग कहते हैं कि एनएच-33 पर यात्रा करना अब किसी सजा से कम नहीं रह गया है।लोगों ने मांग की है कि सड़क मरम्मत और चौड़ीकरण का कार्य तत्काल युद्धस्तर पर कराया जाए, ताकि इस मार्ग पर होने वाली परेशानियों से राहत मिल सके और जानलेवा हादसों पर अंकुश लगे।