
जमशेदपुर: विजया दशमी के अवसर पर नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, जमशेदपुर अक्षेस (जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति) ने शहरवासियों से नदी तट पर बनाए गए विसर्जन कुंडों का उपयोग करने की अपील की है। आज, महानवमी का पूजन संपन्न होने के साथ ही, लोगों ने अपने घरों में की गई पूजा की सामग्रियों का विसर्जन शुरू कर दिया है, जिसके चलते नदी तटों पर भीड़ बढ़ गई है।
माइकिंग के जरिए लगातार हो रही अपील
जमशेदपुर अक्षेस विभाग द्वारा नदी तटों पर लगातार माइक के माध्यम से यह अपील की जा रही है कि श्रद्धालु सीधे नदी के जल में पूजा सामग्री विसर्जित न करें। विभाग का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पवित्र नदियों का जल पूजन सामग्री और कचरे से दूषित न हो।इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, नदी तटों पर विशेष विसर्जन कुंडों का निर्माण किया गया है। लोगों से अनुरोध किया जा रहा है कि वे पूजन सामग्री को नदी के पानी में केवल ‘ठंडा’ करके (यानी जल से स्पर्श कराकर) अलग से बनाए गए इन कुंडों में डालें।अक्षेस के अधिकारियों का कहना है कि यह पहल नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। सीधे नदी में फूल, पत्ते, प्लास्टिक और अन्य सामग्री डालने से जलीय जीवन और नदी का पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता है।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सामूहिक प्रयास
यह अपील पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सामूहिक प्रयास को दर्शाती है, जहां प्रशासन और आम जनता दोनों से सहयोग की अपेक्षा की गई है। विजयादशमी के दिन प्रतिमा विसर्जन के साथ-साथ, घरेलू पूजा सामग्री का विसर्जन भी बड़ी मात्रा में होता है। ऐसे में, इन विसर्जन कुंडों का इस्तेमाल करके शहरवासी अपनी आस्था और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी दोनों को निभा सकते हैं।जमशेदपुर अक्षेस ने शहरवासियों से आग्रह किया है कि वे इस पहल का समर्थन करें और अपनी धार्मिक आस्था को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से पूरा करें ताकि शहर की नदियां स्वच्छ और निर्मल बनी रहें।