
घाटशिला: झारखंड की राजनीति में प्रतिष्ठा का प्रश्न बने घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया जोर-शोर से जारी है। मतदान 11 नवंबर को होगा, जबकि 14 नवंबर को वोटों की गिनती की जाएगी। शुक्रवार को नामांकन प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक हलचल काफी तेज रही, जब सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की ओर से उम्मीदवार सोमेश सोरेन ने अपना पर्चा दाखिल किया।
सीएम हेमंत सोरेन की उपस्थिति में दाखिल किया पर्चा
शुक्रवार को झामुमो प्रत्याशी सोमेश सोरेन दोपहर करीब 2:00 बजे घाटशिला अनुमंडल कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता और भारी संख्या में समर्थक मौजूद थे।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष महतो की उपस्थिति में सोमेश सोरेन ने अपना नामांकन पर्चा दाखिल किया, जो महागठबंधन की एकजुटता को दर्शाता है। नामांकन दाखिल करने के बाद अनुमंडल कार्यालय से बाहर आकर सोमेश सोरेन ने मीडिया से बातचीत में अपनी जीत सुनिश्चित बताई।
दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन की विरासत संभालेंगे पुत्र सोमेश
उल्लेखनीय है कि घाटशिला विधानसभा सीट स्थानीय झामुमो विधायक और राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के आकस्मिक निधन के बाद खाली हुई है।झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस उपचुनाव में स्वर्गीय रामदास सोरेन के बड़े बेटे सोमेश सोरेन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाएंगे। यह उपचुनाव अब सीधे तौर पर सोमेश सोरेन (झामुमो) और बाबूलाल सोरेन (भाजपा) के बीच ‘सोरेन बनाम सोरेन’ का हाई-वोल्टेज मुकाबला बन गया है।
