
जमशेदपुर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर में आयोजित इंडस्ट्री–अकादमिक कॉन्क्लेव (आईएसी-2025) का सफलतापूर्वक समापन हो गया। 12 से 13 दिसंबर तक चले दो दिवसीय इस आयोजन में छात्रों की रचनात्मक सोच, उद्योग और शिक्षा जगत के बीच मजबूत संवाद तथा अत्याधुनिक तकनीकों पर गहन विमर्श देखने को मिला। यह कॉन्क्लेव युवाओं को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सार्थक पहल साबित हुआ।
छात्र नवाचार बने कॉन्क्लेव का केंद्र बिंदु
आईएसी-2025 का सबसे बड़ा आकर्षण मॉडल प्रेजेंटेशन एवं प्रतियोगिता रही, जिसमें देशभर के स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।इस प्रतियोगिता के लिए 600 से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया, जिनके द्वारा 200 से अधिक नवाचारी विचार प्रस्तुत किए गए। जांच और चयन की प्रक्रिया के बाद 110 उत्कृष्ट मॉडलों को अंतिम प्रदर्शन के लिए चुना गया।प्रदर्शित मॉडलों में स्वच्छ कचरा प्रबंधन,रोबोटिक्स और ड्रोन तकनीक,इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT),स्वास्थ्य क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI),स्मार्ट बिजली ग्रिड,हरित भवन तकनीक,कृषि आधारित नवाचार जैसे समाजोपयोगी और भविष्य उन्मुख विषय शामिल रहे।
विद्यालय और कॉलेज वर्ग के विजेताओं को मिला सम्मान
विद्यालय वर्ग में प्रथम स्थान: केरल समाजम मॉडल स्कूल, जमशेदपुर,द्वितीय स्थान: सेंट्रल पब्लिक स्कूल, जमशेदपुर और तृतीय स्थान: डीएवी पब्लिक स्कूल, एनआईटी कैंपस।
कॉलेज वर्ग में विजेता: अल कबीर पॉलिटेक्निक कॉलेज,उपविजेता: आर्का जैन विश्वविद्यालय,द्वितीय उपविजेता: बीए कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग।सभी विजेताओं को नकद पुरस्कार, प्रमाण पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया।
निदेशक और मुख्य अभियंता ने किया प्रतियोगिता का उद्घाटन
इस प्रतियोगिता का उद्घाटन एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक प्रो. गौतम सुत्रधार एवं भारतीय रेल के मुख्य अभियंता (ट्रेन-18) श्री देबी प्रसाद दास ने संयुक्त रूप से किया।उन्होंने छात्रों के नवाचार, व्यावहारिक सोच और समाज की समस्याओं के समाधान पर आधारित प्रयासों की सराहना की।
कौशल विकास और उद्यमिता पर हुई महत्वपूर्ण पैनल चर्चा
कॉन्क्लेव के दौरान “कौशल विकास, नवाचार और उद्यमिता” विषय पर एक विशेष पैनल चर्चा आयोजित की गई। इसमें उद्योग जगत के विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने इस बात पर जोर दिया कि आज के दौर में केवल डिग्री पर्याप्त नहीं है, बल्कि निरंतर सीखने की क्षमता, तकनीकी कौशल और नवाचार आधारित सोच अत्यंत आवश्यक है।वक्ताओं ने छात्रों को स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
रतन टाटा को समर्पित AI/ML आधारित हैकाथॉन
आईएसी-2025 के अंतर्गत एआई/एमएल आधारित एफपीजीए डिजाइन सिमुलेशन हैकाथॉन का आयोजन भी किया गया, जो स्वर्गीय श्री रतन टाटा को समर्पित था।इस प्रतियोगिता में देशभर से 1200 प्रतिभागियों ने भाग लिया।प्रतियोगिता के दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता,चिप डिजाइन,वास्तविक औद्योगिक समस्याओं
से जुड़े विषयों पर समाधान विकसित किए गए।अंतिम चरण में चयनित प्रतिभागियों में आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी खड़गपुर और एनआईटी जमशेदपुर के छात्रों ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
नवाचार ही देश के विकास की कुंजी : प्रो. सुत्रधार
समापन सत्र में अपने संबोधन में प्रो. गौतम सुत्रधार ने इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण, आत्मनिर्भर भारत और युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा “नवाचार ही देश के विकास की असली कुंजी है। उद्योग और शिक्षा संस्थानों के समन्वय से ही युवा वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो सकते हैं।”
