
जमशेदपुर। लोयोला स्कूल, जमशेदपुर ने अपनी पूर्व छात्रा और प्रसिद्ध पार्श्व गायिका शिल्पा राव को हाल ही में सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने पर सम्मानित किया। यह सम्मान समारोह न केवल शिल्पा की व्यक्तिगत सफलता का जश्न था, बल्कि पूरे लोयोला स्कूल परिवार के लिए गर्व और खुशी का क्षण भी था।
जाने कैसा रहा संगीत का सफर और उनकी उपलब्धियां
जमशेदपुर में जन्मी शिल्पा राव ने भारतीय संगीतकार हरिहरन के मार्गदर्शन में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण लिया। उनकी पहली बड़ी सफलता साल 2007 में आई, जब उन्होंने फिल्म ‘अनवर’ के लिए “तोसे नैना लागे” गीत गाया। इस गाने ने उन्हें बॉलीवुड पार्श्व गायन में एक मजबूत पहचान दिलाई।अपनी भावपूर्ण और शास्त्रीय संगीत से सराबोर गायकी के लिए जानी जाने वाली शिल्पा ने भारतीय संगीत में एक अनोखा स्थान बनाया है, जहाँ वे परंपरा और समकालीन धुनों को खूबसूरती से मिलाती हैं। उनके गीतों ने देश-विदेश में श्रोताओं का दिल जीता है।
लोयोला स्कूल ने सम्मान समारोह किया आयोजित
इस अवसर पर, शिल्पा को लोयोला स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य, फादर पायस फर्नांडीस और फादर विक्टर मिस्क्विथ, और वर्तमान प्रधानाचार्य फादर विनोद फर्नांडीस द्वारा सम्मानित किया गया।सम्मानित होने के बाद, शिल्पा राव ने अपने संबोधन में लोयोला स्कूल के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनके +2 की पढ़ाई के दौरान इस स्कूल ने उन्हें जो पोषण और मार्गदर्शन दिया, वह उनके जीवन और करियर के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा है।शिल्पा राव का सम्मान यह दिखाता है कि कैसे एक कलाकार अपनी जड़ों को याद रखता है और उसकी सफलता में उसके शुरुआती दिनों की शिक्षा और प्रेरणा का कितना बड़ा हाथ होता है।