
बोकारो: बोकारो स्टील प्लांट (BSL) में नियोजन और विस्थापन से जुड़े मुद्दों को लेकर विस्थापितों का गुस्सा आज एक बार फिर सड़कों पर दिखा। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) की सेक्रेटरी के बोकारो आगमन पर, सैकड़ों की संख्या में विस्थापितों ने काला झंडा दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण प्रबंधन को उनके आगमन का रूट बदलना पड़ा।
प्रबंधन ने नहीं दिया वार्ता का समय
विस्थापित संगठन के सदस्यों ने पहले सेल सेक्रेटरी और प्रभारी निदेशक से मिलकर अपनी मांगों पर वार्ता करने के लिए समय मांगा था, लेकिन प्रबंधन द्वारा उन्हें समय नहीं दिया गया। प्रबंधन के इस रवैये से नाराज होकर विस्थापितों ने विरोध प्रदर्शन का रास्ता अपनाया।विरोध में उतरे विस्थापितों ने सेल सेक्रेटरी के आगमन वाले रास्ते पर सैकड़ों की संख्या में बैनर, पोस्टर और काला झंडा लगाकर जोरदार प्रदर्शन किया। मौके पर भारी संख्या में पुलिस अधिकारी, पदाधिकारी और जवान तैनात थे, जिन्होंने विस्थापितों को सड़क से हटाने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जोरदार नोक-झोंक भी होती रही।
11 मुख्य गेट को अनिश्चितकाल के लिए कर देंगे बंद
विस्थापित नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्हें नियोजन की प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाता है, तो वे बोकारो स्टील प्लांट के सभी 11 मुख्य गेट को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर देंगे।विस्थापित नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि अब उनका आंदोलन पूरी तरह से गांधीवादी तरीके से होगा, लेकिन यदि कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न होती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सेल प्रबंधन की होगी।नेताओं ने अपनी मुख्य मांगों को दोहराते हुए कहा कि विस्थापित युवकों को अप्रेंटिस कराने के बावजूद उन्हें स्थायी नियोजन नहीं दिया जा रहा है।विस्थापन आंदोलन के दौरान मारे गए शहीद प्रेम महतो को अभी तक न्याय नहीं मिला है।विस्थापितों का कहना है कि उनकी जमीन लेकर प्लांट स्थापित किया गया, लेकिन उन्हें ही उनके अधिकार से वंचित रखा जा रहा है। यह प्रदर्शन एक तरह से सेल प्रबंधन को अंतिम चेतावनी है, जिसके बाद विस्थापित बड़े और अनिश्चितकालीन आंदोलन की रणनीति पर काम कर रहे हैं।