
सरायकेला-खरसावां।सरायकेला-खरसावां जिले में अफीम की अवैध खेती को जड़ से समाप्त करने के लिए पुलिस प्रशासन ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। इसी कड़ी में रविवार से “प्री कल्टीवेशन ड्राइव” का तीसरा चरण शुरू कर दिया गया है, जो 2 नवंबर से 17 नवंबर तक चलेगा।इससे पहले पहला चरण 8 से 22 सितंबर और दूसरा चरण 3 से 17 अक्टूबर तक सफलतापूर्वक संचालित किया जा चुका है।
पुलिस चला रही है जागरूकता और रोकथाम का संयुक्त अभियान
अभियान का उद्देश्य जिले के ग्रामीण इलाकों में अफीम की अवैध खेती पर पूर्ण रूप से रोक लगाना और किसानों को वैकल्पिक खेती के लिए प्रेरित करना है। पुलिस द्वारा अफीम प्रभावित क्षेत्रों — कुचाई, खरसावां, कांड्रा, चौका और ईचागढ़ — में पंचायत स्तर पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।अभियान के पहले दिन कुचाई थाना क्षेत्र के जोड़ा सरजोम गांव, दलभंगा ओपी क्षेत्र के दलभंगा बाजार, खरसावां थाना क्षेत्र के नन्दुडीह गांव, चौका थाना क्षेत्र के रेयारदा गांव और ईचागढ़ थाना क्षेत्र के डुमटांड गांव में पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को अफीम की खेती और व्यापार के कानूनी परिणामों एवं सामाजिक दुष्परिणामों से अवगत कराया।
NDPS अधिनियम की जानकारी और शपथ कार्यक्रम
थाना प्रभारियों ने स्थानीय भाषा में NDPS अधिनियम (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) के प्रावधानों की जानकारी दी। ग्रामीणों को बताया गया कि अफीम की खेती या विक्रय करने पर कड़ी सजा और संपत्ति जब्ती का प्रावधान है।साथ ही, लोगों से यह शपथ दिलाई गई कि वे अपने क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अवैध खेती नहीं करेंगे और यदि ऐसी कोई गतिविधि होती है तो तुरंत पुलिस को सूचित करेंगे।
पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी
सरायकेला पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुणायत ने बताया कि फसली वर्ष 2024-25 में जिले के विभिन्न इलाकों में 678.96 एकड़ क्षेत्र में की गई अफीम की अवैध खेती को नष्ट किया गया था।उन्होंने कहा कि इस वर्ष अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए पुलिस, प्रशासन और कृषि विभाग मिलकर जनजागरण और वैकल्पिक रोजगार कार्यक्रम चला रहे हैं।
एसपी लुणायत ने बताया कि ग्रामीणों को वैकल्पिक खेती, पशुपालन और सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि किसी क्षेत्र में अवैध खेती या नशे से जुड़ी गतिविधि दिखाई दे, तो डायल 112 पर तुरंत सूचना दें।
साझेदारी से ही खत्म होगा नशे का जाल
पुलिस प्रशासन का मानना है कि जनसहयोग और सामुदायिक भागीदारी के बिना अफीम की खेती पर पूरी तरह से रोक लगाना संभव नहीं है। इसलिए अभियान में ग्राम प्रधान, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों को भी जोड़ा जा रहा है।
“हमारा लक्ष्य केवल अवैध खेती को नष्ट करना नहीं, बल्कि ग्रामीणों को वैकल्पिक आय के अवसर प्रदान कर स्थायी समाधान देना है।”
— मुकेश कुमार लुणायत, पुलिस अधीक्षक, सरायकेला-खरसावां
