
जमशेदपुर। मानगो थाना क्षेत्र में गुरुवार दोपहर बिजली विभाग की गंभीर चूक एक मजदूर की जान पर भारी पड़ गई। मानगो के आज़ादनगर इलाके में भूमिगत केबल बिछाने का काम चल रहा था, जिसकी जिम्मेदारी बिजली विभाग ने ठेके पर वोल्टास कंपनी को सौंपी है। लेकिन सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी ने घटना को बड़ा हादसा बना दिया।
कैसे हुआ हादसा – एक लाइन बंद, दूसरी को बंद करना भूल गए
गुरुवार दोपहर गांधी मैदान के सामने स्थित 11 केवी ट्रांसफॉर्मर पर मरम्मत और केबल कनेक्शन का काम किया जा रहा था।इस ट्रांसफॉर्मर से दो सप्लाई लाइनें आती हैं। आज़ादनगर लाइन व कुंवर बस्ती लाइन।काम शुरू करने से पहले बिजली विभाग ने केवल आज़ादनगर लाइन को बंद किया, लेकिन कुंवर बस्ती की सप्लाई लाइन को बंद करना भूल गया, जो बाद में हादसे का कारण बन गया।इसी सक्रिय लाइन की चपेट में मिस्त्री राजू सैनी आ गया। तेज धमाका हुआ और वह गंभीर रूप से झुलस गया। मौके पर मौजूद कर्मचारियों में भगदड़ मच गई।
मजदूर बुरी तरह झुलसा, हालत गंभीर
घायल मिस्त्री राजू सैनी मूल रूप से समस्तीपुर (बिहार) निवासी है। वह रोज़मर्रा मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करता है। हादसे के तुरंत बाद साथी मजदूरों ने उसे नजदीकी गुरु नानक अस्पताल, मानगो पहुंचाया, जहां उसका इलाज चल रहा है।डॉक्टरों के मुताबिक—शरीर पर गंभीर रूप से जलने के निशान है ,उसकी हालत नाजुक है। उसके परिवार में चार छोटे बच्चे हैं, जिससे आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया है।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर सवाल
स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि—काम के दौरान सुरक्षा बैरिकेडिंग नहीं की गई थी।बिजली लाइन बंद करने में समन्वय की भारी कमी।मौके पर विभागीय अधिकारी मौजूद नहीं थे।ठेकेदार कंपनी के कर्मियों ने पर्याप्त सुरक्षा उपकरण नहीं दिए।लोगों ने इस पूरे कार्य में बिजली विभाग और ठेकेदार कंपनी की गंभीर लापरवाही को साफ तौर पर जिम्मेदार ठहराया है।
क्या कार्रवाई होगी?
घटना के बाद क्षेत्र में आक्रोश है।लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि—जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।घायल मजदूर के परिवार को मुआवजा दिया जाए।ठेकेदार कंपनी की जांच हो।भविष्य में सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
