
नोआमुंडी। टाटा स्टील नोआमुंडी ने आज अपने खनन संचालन के 100 वर्ष पूरे होने का ऐतिहासिक अवसर बड़े ही भव्य और यादगार शताब्दी समारोह के रूप में मनाया। यह समारोह खनन उत्कृष्टता, तकनीकी प्रगति और सामुदायिक विकास के सौ वर्षों की इस अद्वितीय यात्रा को समर्पित था, जिसमें टाटा स्टील के वरिष्ठ नेतृत्व, वर्तमान और पूर्व कर्मचारी, तथा यूनियन के सदस्य एक साथ जुटे।
नोआमुंडी की गाथा’ हुई जीवंत
कार्यक्रम की शुरुआत एक प्रभावशाली ऑडियो–विज़ुअल फीचर “रिलिविंग 100 इयर्स: सागा ऑफ नोआमुंडी” की स्क्रीनिंग से हुई। इसमें नोआमुंडी की शुरुआती यात्रा से लेकर भारत के सबसे उन्नत और सस्टेनेबल खनन केंद्रों में रूपांतरण तक के दशकों के सफर को दिखाया गया।ओर माइंस एंड क्वैरीज़ (जीएम, ओ एम क्यू) के जनरल मैनेजर अतुल भटनागर ने अपने स्वागत संबोधन में नोआमुंडी की इस यात्रा को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नवाचार, सुरक्षा, सततता और लोगों को सर्वोपरि रखने वाले मूल्यों के आधार पर यह स्थल एक मॉडल माइनिंग स्थल बन गया है।
स्मारिका और कॉफी टेबल बुक का विमोचन
समारोह का मुख्य आकर्षण स्मारिका और कॉफी टेबल बुक का विमोचन रहा, जिसे टी. वी. नरेंद्रन (सीईओ एवं प्रबंध निदेशक, टाटा स्टील), संदीप कुमार(वाइस प्रेसिडेंट, रॉ मैटेरियल्स), डी. बी. सुंदरा रामम (वाइस प्रेसिडेंट, कॉरपोरेट सर्विसेज) और अतुल भटनागर (जीएम, ओ एम क्यू) ने संयुक्त रूप से जारी किया।कॉफी टेबल बुक, नोआमुंडी की 100 वर्षीय यात्रा का एक विजुअल और कथात्मक दस्तावेज़ है, जिसमें संग्रहालयीय चित्र, ऐतिहासिक मील के पत्थर और टाटा स्टील की इस प्रतिष्ठित खनन इकाई के विकास की कहानियाँ शामिल हैं।
कर्मचारियों और पूर्व लीडर्स ने साझा किए अनुभव
“पेज़ेज़ फ्रॉम द पास्ट” नामक भावनात्मक सेगमेंट में वर्तमान और पूर्व लीडर्स ने अपनी अनमोल यादें साझा कीं। डी. बी. सुंदरा रामम (वीपी सीएस) ने नोआमुंडी में अपने कार्यकाल के अनुभव साझा किए। इसके बाद पूर्व लीडर्स ए. एम. मिश्रा और ए. डी. बैजल ने भी नोआमुंडी की खनन यात्रा के महत्वपूर्ण अध्यायों को याद किया।डीप रूट्स, डाइवर्स स्टोरीज़ माइनिंग टेल्स फ्रॉम एम्प्लॉइज़” सत्र में कर्मचारियों ने अपने अनुभवों को साझा किया, जिसने संगठन की दृढ़ता और मजबूत संस्कृति को उजागर किया।
सीईओ एवं एमडी ने बताया भविष्य का लक्ष्य
अपने संबोधन में, सीईओ एवं एमडी टी. वी. नरेंद्रन ने शताब्दी समारोह के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नोआमुंडी ने टाटा स्टील की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और जिम्मेदार खनन, सततता तथा सामुदायिक सहभागिता के क्षेत्र में लगातार नए मानक स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा “यह शताब्दी समारोह उन पीढ़ियों को समर्पित है जिन्होंने 1925 में इसकी शुरुआत से लेकर आज इसे भारत की सबसे तकनीकी रूप से उन्नत, सतत और सामाजिक रूप से जिम्मेदार खनन इकाइयों में से एक बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
