
सरायकेला।सरायकेला सदर अस्पताल में शुक्रवार को उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई, जब डुमरी विधायक और JLKM (झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति) सुप्रीमो जयराम कुमार महतो पुलिस पिटाई में घायल JLKM नेता तरुण महतो से गोपनीय तरीके से मिलने अस्पताल पहुँचे। चूंकि तरुण महतो न्यायिक अभिरक्षा में हैं, इसलिए अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही कड़ी कर दी गई थी।
पुलिस ने कोर्ट की अनुमति न होने पर रोका
विधायक जयराम महतो जब तरुण महतो से मिलने अस्पताल पहुँचे, तो पुलिस ने न्यायालय की अनुमति के बिना मुलाकात की इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया और उन्हें रोक दिया। इस दौरान अस्पताल परिसर में विधायक के समर्थक और जेएलकेएम कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में मौजूद थे, जिससे गहमागहमी का माहौल रहा।
ईचागढ़ विवाद और हाईकोर्ट की फटकार
तरुण महतो से जुड़ा यह मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ईचागढ़ में बालू से लदे वाहनों को रोकने को लेकर शुरू हुए विवाद में तरुण महतो और उनके समर्थकों पर चौकीदार और मुंशी की बेरहमी से पिटाई का आरोप लगा था। इसके बाद हुई पुलिस कार्रवाई के दौरान तरुण महतो भी घायल हुए थे, जिनका इलाज वर्तमान में सरायकेला सदर अस्पताल में चल रहा है।इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठे हैं। झारखंड हाई कोर्ट ने इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस की भूमिका पर असंतोष व्यक्त किया है।अदालत ने पुलिस को फटकार लगाते हुए डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।हाई कोर्ट ने चार हफ्ते के भीतर पुलिस से इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की है।
जयराम महतो ने जताया न्यायपालिका पर भरोसा
सदर अस्पताल पहुँचे विधायक जयराम महतो को न्यायालय की अनुमति न मिलने के कारण बैरंग लौटना पड़ा।हालांकि, उन्होंने इस दौरान न्यायपालिका पर भरोसा जताया और कहा कि वह कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करते हैं।
